धन्य केशवा
न्यायमूर्ती केशवराव कोरटकर हे एकोणिसाव्या शतकातील एक थोर समाज सुधारक. निजाम राज्यात राहून देखील समाजासाठी आणि देशाच्या स्वातंत्र्यासाठी त्यांचे मोठे योगदान आहे. केशवरावांच्या स्मरणार्थ एक काव्य अर्पण.
गरीब कुटुंबी जन्मला | तरी न डगमगला | स्वबले वकील जाहला | धन्य केशवा || १ ||
निजाम मुलखी वाढला | प्रसिद्ध वकील जाहला | स्वकियांसी न्याय दिधला | धन्य केशवा || २ ||
निजामी वजन वाढले | सर्वोच्च पदी पोहोचले | सरन्यायाधीश जाहले | धन्य केशवा || ३ ||
शिक्षणासी पाया मानला | शिक्षण संस्था उभारल्या | समाज विकास जाहला | धन्य केशवा || ४ ||
पुस्तके अग्रगणी मानली | नियतकालिके उदया आणिली | ग्रंथालये उभारली | धन्य केशवा || ५ ||
मराठी ग्रंथ संमेलनासि वाहिले | लोकांसी महत्त्व पटविले | अध्यक्षपदी पोहोचले | धन्य केशवा || ६ ||
वक्तृत्व शैली कमाविसी | प्रभावी विचार मांडसी | वसंत व्याख्यान गाजविसी | धन्य केशवा || ७ ||
रूढी परंपरा न मानसी | स्त्री हक्काकरिता लढसी | बालविवाह विरोध करिसी | धन्य केशवा || ८ ||
आर्यसमाज संस्थेसी वाहिले | संस्थेचे महत्त्व समजाविले | दक्षिणेसि अध्यक्ष जाहले | धन्य केशवा || ९ ||
स्वातंत्र्याचे महत्त्व जाणले | तत्कालिन मवाळ पंथ क्रमिला | शिक्षण तया पाया मानला | धन्य केशवा || १० ||
लोकमान्यांचा शब्द मानला | चफेकरा आश्रय दिधला | निजामी जोखीम मोलली | धन्य केशवा || ११ ||
लोकमान्य, महर्षी स्नेही जाहले | विचार प्रगल्भ जाहले | समाजासि अर्पण केले | धन्य केशवा || १२ ||
- गिरीश घाटे